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धर्मस्थला ,तिरुमला तिरुपति एवं शिरडी के साई धाम की यात्रा -

शिरडी के बाबा साई (Shirdi ke baba Sai )- नाशिक से शिरडी 90 KM दूर हैं।रहने के लिए  शिरडी ट्रस्ट  की वेबसाइट से ऑनलाइन बुकिंग भी होती हैं। Registration करवाना होगा। Click करे। यहाँ काफी भीड़ रहती हैं। दर्शन में समय लगता हैं। लाइन में खड़ा होना होता हैं। vip दर्शन का टिकट भी मिलता हैं जिसमे जल्दी दर्शन हो जाते हैं। ऑनलाइन भी बुक होता हैं।शिरडी स्टेशन से श्री साई के मंदिर की दुरी 3 KM हैं। मदिर में श्री साई की मूर्ति एवं समाधी हैं। मंदिर में म्यूजियम भी हैं जहा बाबा से जुडी चीजे देख सकते हैं। पास में द्वारका माई मस्जिद हैं। इसमें साई  बाबा रहा करते थे। यहाँ बाबा लोगो को उदी देकर इलाज करते थे। पास ही उनके भक्त अब्दुलबाबा की समाधी हैं। पास ही हनुमानजी का मंदिर हैं। यहाँ चार बार आरती होती हैं। आरती का टिकट भी ऑनलाइन बुक होता हैं। श्री खंडोबा मंदिर के भी दर्शन करे। पास ही वाटर पार्क हैं। दुनिया भर के लोग शिरडी श्री साई बाबा के दर्शन करने आते हैं। यहाँ सबसे बड़ा किचन हैं जहाँ बाबा के भक्तो के लिए प्रसाद तैयार होता हैं। 19 वी सदी के फकीर थे। 

धर्मस्थला(Dharmasthala )  - धर्मस्थला कर्नाटक राज्य में हैं। यहाँ मंजुनाथ भगवान  की पूजा होती हैं। यहाँ यह मान्यता हैं की इस मंदिर दर्शन के बाद  मंदिर में बने  अन्नपूर्णा के डाइनिंग हॉल में भोजन(प्रसाद } किये बिना जाने पर यात्रा अधूरी मानी जाती है। धर्मस्थला मैसूर से 216 KM दूर हैं। अनपूर्णा के हॉल एवं किचन बहुत ही विशाल हैं। रोज 25000 से 50000 लोगो को भोजन कराया जाता हैं। यह जैन परिवार ने बनवाया था। 21 पीढ़ियों से यह कार्य हो रहा हैं। यहाँ हर यात्री का ध्यान रखा जाता हैं। इनका यह मानना हैं कि आने वाले दर्शनार्थी का ध्यान दर्शन एवं पूजा में होना चाहिए। यात्री को कोई चिंन्ता नहीं होनी चाहिए की कहाँ ठहरे क्या खाए। अनपूर्णा में बड़े प्रेम से भोजन कराया जाता हैं। सर्दियों में भीड़ बढ़ जाती हैं। दीपावली पर 5 का लक्षोत्सव यहाँ मनाया जाता हैं। इन पांच दिनों में आने वाले दर्शनार्थीओ की संख्या काफी अधिक होती हैं। पाचवे यथार्थ अंतिम दिन यात्रियों की सख्या सबसे अधिक होती हैं। यहाँ शर्ट उतार कर दर्शन करते हैं। खाना पातलो पर दिया जाता हैं। लोग खाने का सामान दान करते हैं। यहाँ तुला दान होता हैं। स्टोर हाउस बने हुए हैं। सारा काम बिना कम्प्यूटर होता हैं।लक्षोत्सव शाम को रथोत्सव का आयोजन होता हैं।

SUKHWAL Matrimonial

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